कैसे एक लड़की के लिए सबको मार डाला कहानी

 यह कहानी शुरू होती है एक हीरो,एक हेरोइन और एक विलन के साथ।

एक ऐसा विलन जिसके नाम से बड़े बड़े नेता पुलिस और दिल्ली की आम जनता कापने लगती थी रूद्र सिंघाल।।जो दिल्ली के गैंगस्टर में सबसे बड़ा नाम था।रूद्र सिंगाल के तीन बेटे(केसव,राणा,ध्रुव)और एक बेटी(तनीषा)।तीनो बेटे पिता के लिए काम करते थे।और बेटी पढाई करती थी।सिंघल के ख़ौफ़ के कारण कोई भी उसकी बेटी के पास जाने की या उससे बात करने की हिम्मत तक नही करता था इसलिए तनीषा हमेसा उदास रहती थी या यु कहू के उसे मुस्कुराये हुए सालो हो गए थे।।।


कैसे एक लड़की के लिए सबको मार डाला कहानी


 

अब एंट्री होती है अपने हीरो की यानी समीर की।जो मुम्बई में रहता है।समीर यु तो सीधा सदा है लकिन अपनों के लिए कुछ भी कर जाने का जज़्बा रखता है।समीर एक मिडिल क्लास फॅमिली से बिलोंग करता है।और मोबाइल की खुद की शॉप कर रखी है।उसके घर में केवल उसका पापा है।।

अब आते है अपनी हेरोइन के पास जिसका नाम नेहा है। नेहा एक बिज़नेस मेंन की बेटी है।आमिर बाप की इकलौती बेटी।जो अपनी ही दुनिया में मस्त रहती है।नेहा को ब्लड केंसर है।लेकिन ये बात नेहा और उसके परिवार को ही पता है।।और किसी को नही ना ही नेहा के दोस्तों को।

नेहा और समीर की मुलाकात एक शॉपिंग मोल में होती है।जहा नेहा मोल के मैनेजरके साथ लड़ाई कर रही होती है। क्यों की मैनेजर का हाथ गलती से नेहा के हाथ से टच हो जाता है। लड़ाई ख़तम करके नेहा जब वहां से जाती है तो जल्दी में उसका क्रेडिट कार्ड निचे गिर जाता है।समीर वो कार्ड लेकर नेहा के पास जाता है तो पहले से गुस्सा हुई नेहा बिना सोचे एक थपड समीर को जड़ देती है और वहां से चली जाती है। 


घर पहुचने पर नेहा की मम्मी उसके गुस्से की वजह पूछती है तो वो पूरी बात बताती है और तब उसे एहसास होता है के उस ने बिना किसी गलती के उस लड़के को थप्पड़ मार देती है।और सोचती है के जब कभी मिलेगा तो सॉरी बोल दूंगी।


थोड़े दिन बाद नेहा को समीर ट्रैफिक में दिखाई देता है तो वो उसका पीछा करती है।थोड़ी दूर बाद वो उसे रोकती है और सॉरी बोलती है।समीर इट्स ओके बोल कर चला जाता है।।


कुछ दिन बाद समीर देखता है के कोई लड़की पार्क में बेहोस पड़ी होती है वो वहां जाता है तो देखता है के ये तो वही लड़की है वो उसे हॉस्पिटल ले जाता है।जब नेहा को होश आता है तो समीर उससे पूछता है के क्या हुआ तो नेहा गर्मी का बहाना बना कर बात को काट देती है।तब दोनों एक दूसरे का नाम बताते है।फिर धीरे धीरे दोनों कही न कही आपस में टकराते रहते है और यही से दोनों में प्यार होने लग जाता है


लेकिन  नेहा अपनी बीमारी के कारण समीर से कुछ नही कहती है।लेकिन नेहा समीर के बिना रह भी नही पाती है इसलिए वो हमेसा समीर से मिलती रहती है।।ये सब नेहा की फेमल्ली जानती थी और वो खुश भी थे क्यों की समीर के साथ नेहा अपनी बीमारी भूल जाती थी।नेहा समीर को अपने बर्थ-डे पर बुलाती है।जब समीर वहा जाता है तो वाच-मेन बताता है के नेहा को लेकर हॉस्पिटल गए है क्यों की नेहा तबियत अचानक ख़राब हो जाती है समीर हॉस्पिटल पहुचता है तो देखता है के नेहा ICU में है।वो डॉक्टर के पास जाता है


तो देखता है के डॉक्टर और नेहा के पापा कुछ बात कर रहे है और नेहा के पापा रो रहे थे।समीर उनकी बातें सुन लेता है और उसे पता लगता है के नेहा को ब्लड केंसर है वो भी last stage समीर की आँखों में आंसू आने लगते है।क्यों की नेहा के पास अब ज्यादा वक़्त नही था।बस एक साल।या कम। समीर वहा से चला जाता है और थोड़ी देर बाद एक अंगूठी लेकर आता है और नेहा के पास जाता है नेहा समीर की आँखों में आंसू देखकर बेड से उत्तरने की कोशिश करती है।


तब समीर नेहा के पास जाता है।तब नेहा के पापा उसे बताते है लेकिन समीर सुनने से इंकार कर देता है।।और नेहा के सामने अंगूठी निकाल कर शादी के लिए परपोज़ करता है और कहता है के वो उस से बहुत प्यार करता है और उसका हर गम भुला देना चाहता है।।तब नेहा के मम्मी पापा भी नेहा को शादी करने को कहते है और नेहा हा बोल देती है।और दोनों की शादी हो जाती है।शादी के 7-8 दिन बाद कुछ गुंडे नेहा के घर आते है क्यों की नेहा के पापा रियल स्टेट का बिजनेस करते है और कुछ महीनो पहले दिल्ली में अपनी कंपनी के फ्लेट बनाने के लिए वो सिंघाल से भीड़ जाता है


तब सिंघाल जबरदस्ती उसकी दिल्ली की ज़मीन अपने नाम कर लेता है।।नेहा के पापा मुम्बई में सिँघाल पर केस कर देता है और मुम्बई पुलिस सिँघाल को पकड़ने दिल्ली जाती है लेकिन सिंघाल पैसे देकर उन्हें वापस भेज देता है।और नेहा के पापा को मारने के लिए अपने बड़े बेटे केसव को बोल देता है।


जब गुंडे और केसव नेहा के घर आते है तब घर में केवल नेहा और उसके पापा ही होते है।।समीर और नेहा की मम्मी किसी काम से बाहर गए होते है।केसव नेहा के पापा को मरता है तो नेहा भी बिच में आ जाती है और केसव नेहा और उसके पापा को जान से मार कर चला जाता है।


कुछ देर बाद जब समीर और नेहा की मम्मी वापस घर आते है तो देखते है के नेहा के घर पर पुलिस होती है।उसे देख कर समीर जल्दी से घर में जाता है तो देखता है के नेहा और पापा खून से लथ-पथ निचे गिरे हुए है समीर ये देख कर अपने आप को संभाल नही पता है।नेहा की मम्मी भी ये सब देख कर अपने होश खो बैठती है।और सदमे में उसकी जान भी चली जाती है।समीर का दिल पूरी तरहा टूट जाता है।।


तब पुलिस वाला समीर को बताता है के ये सब सिँघाल ने किया है।और FIR लिख कर दोनों के शव लेकर पोस्टमार्टम के लिए ले जाते है।समीर रोज सिँघाल के केश के लिए थाणे के चक्कर काटता है।।और पुलिस कुछ नही करती है क्यों की पुलिस तो सिंघाल के साथ थी।

पुलिस समीर को रोज दिलाषा देकर वापस भेज देते।।


फिर समीर दिल्ली चला जाता है अपना बदला लेने के लिए।वो वह सिंघाल की inquary करता है और सिंघाल के घर के सामने के घर में किराये से रहने लग जाता है।और जब भी मोका मिलता सिंघाल के आदमियो को मार देता।और इस तरहा मारता के देखने वाले की रूह कप जाती।


इन सबसे सिंघाल गुस्सा हो जाता है।और पुलिस और अपने बेटे और आदमियो को उसका पता लगाने के लिए भेज देता है जिसने उसके आदमियो को मारा है।।उधर समीर सिंघाल के आदमियो का पीछा करता रहता है।एक दिन समीर गम में सराब की दुकान पर सराब पि रहा था।वही पर सिंघाल के आदमी भी थे।


समीर उनका पीछा करता है तो देखता है के वो लोग किसी लड़की को उठा कर किसी सुनसान जगह पर ले जा रहे थे।समीर उनके पीछे था।जब वो लोग उस लड़की का बलात्कार करने की कोशिश कर रहे थे  तभी समीर वहा अपना मुह कपडे से छुपा कर आता है।और उनको मारने लगता है मोका देखकर वो लड़की वहा से भाग जाती है।


समीर उन लोगो को बेरहमी से मरता है।और ज़िंदा जला देता है।उधर वो लड़की भाग कर पुलिस के पास जाती है और सब कुछ बता देती है पुलिस वहा आती है तो वहा का नज़ारा देखकर हैरान हो जाती है।।15 लोग ज़िंदा जले हुए पड़े थे। पुलिस उस लड़की से पूछती है तो वो बताती है के उसने अपना मुह कपडे से छुपा रखा था।पुलिस सुराग की तलाश में लग जाती है।उधर ये बात सिंघाल को पता लगती है तो वो भी गुस्से से पागल हो जाती है और सारा गुस्सा उन पर निकालता है जिन्हें वो समीर को तालाशने में लगा रखा था।


सिंघाल के घर में तनाव का माहोल था और इन सब से बेचारी तनीषा परेशान थी।उधर समीर शराब और अपनी पुराणी यादो में खोया रहता।।फिर एक दिन समीर डांस बार में पी रहा था। वहा कोई लड़का किसी लडकीके बदतमीज़ी कर रहा था तो उस लड़की के बॉयफ्रेंड ने उसे रोकने की कोशिश की तो वो उसे मारने लगा और ज़ोर से बोलने लगा की कोई भी यह से बहार नही जायेगा।


इसने सिंघाल के बेटे राणा को रोकने की कोशिश की है।और उस लड़की के बॉयफ्रेंड को मारने लगता है।।समीर को पता चल जाता है के ये सिंघाल का बेटा है।और फिर से अपने चहरे पर कपडा बांध कर राणा को मारने लग जाता है और इतनी बुरी तरहा से मारता है के किसी को पहचानने में नही आता है।।सिंघाल अब इन घटनाओ से डरने लग जाता है।।क्यों की ना तो सिंघाल के बेटे और आदमी समीर का पता पा रहे थे और ना ही पुलिस।


अब सिंघाल अपने सारे पुराने दुश्मनो की लिस्ट बनाने लगा और जिन पर उसे शक होता उसे मार डेता।वक़्त बितता गया और सिंघाल अपने दुश्मनो को मरता गया।।अब सिंघाल खुश था के उसने अपने सारे दुश्मनो को मार दिया है।

और ख़ुशी से पार्टी कर रहा था के अचानक उसे पुलिस स्टेशन से फोन आता है के उसके 5 आदमियो की लाश मिली है।।सिंघाल को पसीने आने लगते है।और गुस्से से तोड़फोड़ करने लग जाता है। बेचारा सिंघाल उसे ज़रा सा भी इल्म नही था के जो इंसान  उसके आदमियो को मार रहा है और खिड़की से सारा नज़ारा देख रहा था।।वो परेशान हो जाता है आखिर ये सब कोन कर रहा है जब की उसने तो अपने सारे दुश्मनो को मर डाला है।


तभी समीर सिंघाल को फोन करता है और बता देता है के उसने ही उसके सारे आदमियो को और राणा को मार है।। सिंघाल उससे नाम पूछता है तो समीर उसे खुद तलाश करने को बोल देता है और फोन काट देता है।।केसव उस सिम का अड्रेस निकलवाता है तो पता चलता है के मुम्बई से है।।तभी केसव को याद आता है के उसने मुम्बई में आदमी और उसकी बेटी को मारा था।


केसव,ध्रुव और उसके आदमी मुम्बई के लिए निकल जाते है।लेकिन उन्हें क्या पता के जिसे वो मुम्बई में तलाश करने जा रहे है वो तो उनके घर के सामने ही रहता है।।तभी समीर मुम्बई में अपने पड़ोसी जो नेहा के पापा का दोस्त है उसे फोन कर सारी बात बताता है और कहता है के वो लोग उसे मुम्बई में ढूँढने आरहे है।।जब केसव मुम्बई नेहा के घर जाता है तो वहा ताला लगा होता है तो वो पडोसी से पूछता है।तो बताता है के कुछ महीनो पहले किसी ने नेहा उसके पापा और मम्मी को मार दिया था।और नेहा का पति विदेश में रह रहा है।


उधर समीर सिंघाल को किडनेप करने का प्लान बना रहा था।क्यों की सिंघाल घर पर परिवार और कुछ आदमियो के साथ ही था।।फिर रात को समीर पहरेदारो को मारकर किसी तरहा सिंघाल को किडनेप कर लेता है।और किसी सुनसान जगह पर ले जाता है और छुपा देता है।उधर सुबह जब पता चलता है के सिघाल किडनेप हो गया है तो सबके होश उड़ जाते है मुम्बई से भी उसके बेटे और आदमियो को बुला लिया जाता है।समीर सारा नज़ारा अपनी खिड़की से देखता रहता है।


मंत्री,पुलिस और कई बड़े आदमियो की भीड़ सिंघाल के घर पर जमा होती है।सभी हैरान रहते है के आखिर किसकी इतनी हिम्मत है जिसने सिंघाल को किडनेप कर लिया है।उधर समीर सिंघाल के पास जाता है सिंघाल पूरा गुस्से में पूछता है तू है कौन।तब समीर  सारी बात बताता है।तब सिंघाल कहता है तूने बहुत बड़ी गलती कर दी है में तुझे जान से मर दूंगा वगेरा वगेरा।।


1महीना बीत गया पर सिंघाल का कोई पता नही।।और समीर ने सिंघाल के हालात इतनी बुरी कर दी के मौत भी शरमा जाये।।फिर एक दिन समीर की पार्क में तनीषा से मुलाकात होती है तो वो पूछता है क्या तुम अपने पिता के कारण उदास हो तो तनीषा बोलती है के पता नही में उदास हु या खुश हु।।उसे अपने आप पर गुस्सा आता है के उसे एसी ज़िन्दगी मिली है।।


तब से ऱोज समीर तनीषा को खुश रखने की उसे हशाने की कोशिश करता रहता है।क्यों की तनीषा में उसे अपनी नेहा देखाई देने लगी थी।और धीरे धीरे तनीषा को समीर से प्यार होने लग जाता है।फिर एक दिन तनीषा समीर को अपने घर बुलाती है।समीर चला जाता है।सभी से मिलता है।फिर एक दिन कहानी का अंतिम मोड़ आही जाता है।समीर किसी खंडहर में केसव को फोन कर बुलाता है और बताता है के सिंघाल उसके पास है।।केसव गुस्से में अपने आदमियो को लेकर वहा जाता है।।वहा समीर सिंघाल के साथ उनका इंतज़ार करता है।


केसव अपने पापा की हालत देखकर गुस्सा हो जाता है।तब समीर केसव को बताता है के उसने नेहा को मार कर बहुत बड़ी गलती कर दी।।फिर वही जो हमेशा होता है लड़ाई।।और अंत में समीर केसव ध्रुव और सारे आदमियो को मार देता है।।


ये सब देखकर सिंघाल पागल हो जाता है।। समीर सिंघाल को लेकर उसके घर जाता है।और बताता है के किसी ने सिंघाल को सड़क किनारे छोड़ गया था।।सिंघाल को पागलखाने में डाल दिया जाता है।।समीर तनीषा से अपने प्यार का इज़हार कर उसे अपने साथ ले जाता है।तनीषा कुछ दिन तो अपने भाइयो की मौत के कारन दुखी रहती है।लेकिन समीर का साथ उसे एक नई ज़िन्दगी देता है और वो खुश रहने लगती है।।उधर सिंघाल पागलखाने में उदास।।क्योंकि


सिर्फ सिंघाल ही जनता था के ये सब समीर ने किया है।पर वो किसी को बता नही पता है।


                                                   ये थी हमारी


 कहानी।।।।।।।।।।।।।।।।।