Insurance kya hai? फायदे क्या है
insurance kya hai in hindi
दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच किया गया इस समझौता जो कानूनी तौर पर लागू किया हुआ हो Insurance (बीमा)insurance kya hai के तहत आता है।
बीमा (Insurance) का अर्थ है की (insurance kya hai) बीमा करने वाला जिस भी घटना के लिए बीमा करवाता है उस घटना के घट जाने पर बीमा करने वाले व्यक्ति जिसने बीमा करवाया है उसे निश्चित की गई धनराशि का भुगतान करता है।
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insurance kya hai |
बीमा का अर्थ है की बीमा करने वाला जिस भी घटना के लिए बीमा करवाता है उस घटना के घट जाने पर बीमा करने वाले को us व्यक्ति जिसने बीमा करवाया है उसे निश्चित की गई धनराशि का भुगतान करता है।
बीमा शब्द फारसी भाषा से लिया गया है जिसका हिंदी अर्थ “जिम्मेदारी” है।
बीमा भविष्य में होने वाले किसी भी नुकसान से बचने का एक रास्ता है।
बीमा हम हर चीज का कर सकते है जैसे की कार, बाइक,स्मार्ट फोन,स्वास्थ्य बीमा और दुर्घटना बीमा आदि बहुत तरीके के होते है इसमें बीमा कंपनी हमसे एक निश्चित राशि लेती है और जिस पर बीमा करवाते है उस घटना के घट जाने पर तय राशि दी जाती है।
बीमा हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है।बीमा करने पर हम और हमारा परिवार भविष्य में होने वाले खतरा से आर्थिक रूप से बच सकते है।
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बीमा दो प्रकार के होते है :
1 - जीवन बीमा
2 - साधारण बीमा
जीवन बीमा :
जीवन बीमा के अंतर्गत बीमा करवाने वाले की मृत्यु हो जाती है तो बीमा के निश्चित धन राशि बीमा करवाने वाले के परिवार वालों को दी जाती है।
हमने अक्सर देखा है की अगर किसी परिवार में मुखिया की मृत्यु हो जाती है तो उस परिवार पर आर्थिक रूप से संकट आ जाता है तो अगर परिवार के मुखिया ने बीमा करवाया है तो उस बीमा की राशि से उस परिवार पर आने वाले आर्थिक संकट के राहत मिल जाती है।
इसलिए हमे अपना बीमा जरूर करवाना चाहिए जिस से हमारे बाद में हमारा परिवार बीवी बच्चे सब आसानी से जीवन यापन कर सके। उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
साधारण बीमा :
साधारण बीमा में किसी वस्तु विशेष के लिए किया जाता है। जैसे पालतू पशु, वाहन, फसल और स्वास्थ्य आदि के लिए साधारण बीमा करवाया जाता है।
घर का बीमा :
साधारण बीमा के अंतर्गत कंपनी के द्वारा घर का बीमा किया जाता है जिसमे हमारे घर के होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी के द्वारा की जाती है।
इस बीमा के तहत घर के टूटने फूटने या किसी प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप , बाड आदि और कृतिम आपदा जैसे घर में चोरी या लूटपाट हो जाना या आतंकी हमले और लड़ाई दंगो में होने वाले नुकसान आदि से होने वाले नुकसान की सारी भरपाई बीमा कंपनी कंपनी के द्वारा की जाती है।
इस बीमा के तहत घर की जिम्मेदारी एक तरीके से बीमा कंपनी की हो जाती है।
वाहन बीमा :
साधारण बीमा के तहत वाहन बीमा अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपने देखा होगा की जिस किसी के पास निजी वाहन है उसने उस वाहन का बीमा जरूर करवाया है और अगर आपने अभी तक अपने वाहन का बीमा नही करवाया है !
जिस कंपनी का आपका वाहन है इस कंपनी में जाकर वाहन बीमा जरूर करवाए ये बेहद जरूरी है क्यों की भारत सरकार के निर्देश के अनुसार वो सभी वाहन जो सड़क पर चलने लायक हो या सड़क पर चल रहे है उस वाहन का बीमा करवाना जरूरी है। अगर नही है तो आपका चालान भी हो सकता है या फिर सजा।
वाहन बीमा के तहत अगर आपके वाहन की चोरी हो जाती है या फिर दुर्घटना हो जाती है तो बीमा कंपनी सारा खर्च वहन करती है या अगर आपके वाहन से किसी अन्य व्यक्ति की मौत हो जाती है तो मौत होने वाले व्यक्ति के परिवार वालों को बीमा कंपनी द्वारा क्लेम दिया जाता है। अगर इस स्तिथि में आपके वाहन का बीमा नही है और किसी की मौत आपके वाहन से हो जाती है तो मौत होने वाले परिवार को आपके स्वयं के द्वारा धनराशि चुकानी होती है।
यात्रा बीमा :
यात्रा बीमा हमे यात्रा के तहत होने वाले नुकसान से हमे बचाती है।अगर हम कही घूमने के लिए जा रहे है या फिर किसी काम के कारण हमे यात्रा करनी पड़ रही है तो हमे यात्रा बीमा जरूर करवाना चाहिए।
यात्रा बीमा के तहत अगर हमारे साथ किसी प्रकार की दुर्घटना हो जाती है या फिर हमारा समान चोरी हो जाता है तो यात्रा बीमा के तहत हमें उस बीमा कंपनी से मुवावजा मिलता है। यात्रा बीमा जब हम यात्रा शुरू करते है और जब तक हमारी यात्रा खत्म होती है तब तक ही लागू रहता है। यात्रा बीमा की कई सारी नियम और शर्ते होती है जिसकी हमे पालना करनी होती है।
स्वास्थ्य बीमा :
साधारण बीमा के तहत स्वास्थ्य बीमा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। आजकल अस्पताल और दवाई का खर्चा इतना महंगा हो गया है की आम आदमी के इसे वहन करना मुस्किल है। अगर हमे कोई बीमारी है और हमारा स्वास्थ्य बीमा है तो उस बीमारी पर लगने वाला सारा खर्च बीमा कंपनी वहन करती है।
फसल बीमा :
फसल बीमा किसानों के लिए बहुत लाभ कारी है। फसल बीमा के तहत आपकी फसल अधिक वर्षा या किसी अन्य आपदा के कारण खराब हो गई है तो उस फसल पर लागत राशि फसल बीमा कंपनी को देनी होती है।
लेकिन आजकल के समय में फसल बीमा कंपनी के सही से फसल की लागत मूल्य ना चुकाने पर सभी किसानों में इसके प्रति रोष है। आजकल अगर आपकी फसल खराब हो गई है तो फसल बीमा कर्मी आपके खेत का सर्वे करते है और आपके खेत के आसपास के सभी खेतो का भी सर्वे किया जाता है फिर उसी सर्वे के हिसाब से लागत मूल्य चुकाती है जो की किसानों को नापसंद है।
व्यापार उत्तरदायित्व बीमा :
व्यापार बीमा में किसी कंपनी के कार्य या कंपनी के बनाए गए किसी समान से ग्राहक को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए होता है।
ये निम्न प्रकार के होते है।
जोखिम से सुरक्षा :
बीमा एक प्रकार से जोखिम का सुदृढ़ निवारण है। ये बीमा जीवन में होने वाली सभी परेशानियों से व्यक्ति को चिंतामुक्त करता है।और ये जोखिम हमारे स्वास्थ्य हमारे वाहन आदि से हो सकते है।इन सभी जोखिम से बचने के लिए बीमा एक प्रकार से सही उपाय है।
जोखिम फेलाने का तरीका :
बीमा एक सबके लिए और सब एक के लिए के सिद्धांत पर काम करता है। एक जैसी ही जोखिम से पीड़ित व्यक्तियों को एक जगह मिलाकर एक विशेष कोश का निर्माण किया जाता है। ताकि वो जोखिम समस्त सदस्य में आपस में बट जाए या फिर किसी एक सदस्य को होने वाले जोखिम पर उस कोष से विशेष भुगतान किया जा सके।
जोखिम बीमित का बीमाकर्ता को हस्तानांतरण :
बीमा में समस्त बीमितों की जोखिमों को बीमाकर्ता को अन्तरण कर दिया जाता है। बीमाकर्ता द्वारा बीमित को हानि होने पर निश्चित भुगतान कर दिया जाता है।
बीमा की आवश्यकता :
व्यक्तियों का जीवन अनेक प्रकार की अनिश्चितताओं एवं जोखिमों से घिरा हुआ है। उसे कुछ सम्पत्ति से सम्बन्धित जोखिमें है तो कभी जीवन को जोखिम है अत: वह इन जोखिमों के प्रति कै से सुरक्षा प्राप्त करे इसी विचार ने बीमा को एक आवश्यकता बना दिया है। वर्तमान औद्योगिक विकास का आधार ही प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से यदि बीमा को कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। मनुष्य जीवन को तनाव मुक्त करने हेतु बीमा एक महती आवश्यकता बन गया है।
निम्न बिन्दुओं के आधार पर बीमा की आवश्यकता का अनुमान लगाया जा सकता है.
जोखिमों के विरूद्ध सुरक्षा प्राप्ति हेतु :
सम्पत्तियों का इसलिए बीमा किया जाता है कि उनके नष्ट होने की सम्भावना निरन्तर बनी रहती है या आकस्मिक घटना के घटित होने से अपने अपेक्षित जीवनकाल से पहले ही वे निष्क्रिय हो सकती है।
संभावित जोखिमों से सुरक्षा प्राप्ति हेतु :
बीमाकृत विषयवस्तु को क्षति हो भी सकती है और नहीं भी, भू कम्प आ भी सकता है , और नहीं भी, भू कम्प आये तो हो सकता है सम्पत्ति को क्षति पहुचे अथवा नहीं। मनुष्य की मौत होना निश्चित है ले किन मृत्यु कब होगी समय अनिश्चित है अत: इस अनिश्चितता या संभावित जोखिमों से सुरक्षा प्राप्ति हेतु बीमा आवश्यकता बन गया है।
जोखिमों के प्रभाव को कम करने हेतु :
बीमा बीमाकृत विषयवस्तु को संरक्षण प्रदान नही करता है , खतरे के कारण पहुचाने वाली हानि को भी नही रोकता है खतरे को घटित होने से टाला भी नही जा सकता है।
उम्मीद है की आपको हमारा लेख अच्छा लगा. इसे आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर जरूर करे ताकि वो भी बिमा की अपने जीवन में अहमियत को समझे और आज ही अपना और अपने परिवार का बिमा कराये.
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